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कमर में दर्द होना बहुत ही आम समस्या है। आज के समय में लगभग हर दूसरा व्यक्ति कमर दर्द से परेशान है। अधिकतर लोगों को यह दर्द बहुत मामूली सा होता है लेकिन कुछ के लिए यह दर्द गंभीर समस्या पैदा कर देता है। दरअसल कमर दर्द मांसपेशियों या लिगामेंट में खिंचाव के कारण हो सकता है। रोजमर्रा के कामों में कहीं न कहीं हमारी पीठ में खिंचाव आ जाता है जिससे दर्द का अनुभव होता है। कमर दर्द विभिन्न आयु वर्ग के लोगों में अलग-अलग प्रकार का हो सकता है। उम्र के साथ-साथ कमर के निचले हिस्से में दर्द होना आम है। आमतौर पर यह दर्द लिगामेंट्स, नसों व रीढ़ की हड्डी जैसी समस्याओं के कारण हो सकता है। अमूमन ऐसा देखा जाता है कि अधिकतर लोगों में स्वयं ही यह दर्द समाप्त हो जाता है। वही कुछ लोग कमर दर्द को बहुत हल्के में लेते है। हालांकि यह कैंसर जैसी गंभीर बीमारी के कारण भी हो सकता है। इसके अलावा यह हड्डी के टूटने, संक्रमण, स्लिप डिस्क, नस के फटने या एंकिलॉजिंग स्पॉन्डिलाइटिस जैसी गंभीर स्थितियों के कारण भी हो सकता है। कमर दर्द पुरुषों से ज्यादा महिलाओं को प्रभावित करता है।
कमर दर्द, कमर के कुछ हिस्से से लेकर पूरी कमर तक फैल सकता है। कभी-कभी यह दर्द कमर से शुरू होकर अन्य अंगों जैसे नितंबों, पैरों या पेट तक में फैल जाता है। कमर दर्द की तीव्रता प्रत्येक व्यक्ति के लिए अलग-अलग हो सकती है। इस दर्द के प्रकार और तीव्रता के आधार पर ही इसके लक्षणो का अनुभव होता है। आमतौर पर इसके सबसे प्रमुख लक्षण इस प्रकार है।
कमर दर्द अनेक कारणों से हो सकता है। दरअसल हमारा शरीर बहुत जटिल है और यह भारी वस्तुओं को उठाने में सक्षम नहीं होता है। इसके सबसे प्रमुख कारण इस प्रकार है।
मांसपेशियों या लिगामेंट्स में खिंचाव: भारी सामान उठाने या कुछ अजीब सी हरकत करने से कमर की मांसपेशियों और रीढ़ की हड्डी के लिगामेंट्स में खिंचाव आ सकता है। जिन लोगो की शारीरिक स्थिति ठीक नहीं होती है उनमें कमर की मांसपेशियों में खिंचाव के कारण ऐंठन और दर्द पैदा हो सकता है।
डिस्क का टूटना या खिसकना: डिस्क रीढ़ की हड्डियों के बीच कुशन का काम करती है। एक डिस्क के अंदर की नरम सामग्री उभर या फट सकती है और एक तंत्रिका पर दबाव डाल सकती है। जिससे कमर में दर्द होने लगता है। कई बार यह दर्द तीव्र भी हो सकता है।
वात रोग: ऑस्टियोआर्थराइटिस यानी गठिया पीठ के निचले हिस्से को प्रभावित कर सकती है। यह रीढ़ की गठिया हड्डी के चारों ओर की जगह को कम कर सकती है इस स्थिति को स्पाइनल स्टेनोसिस कहा जाता है। इसके कारण रीढ़ की हड्डी में दर्द का अनुभव हो सकता है।
एंकिलोज़िंग स्पोंडिलिटिस: इसे अक्षीय स्पोंडिलोआर्थराइटिस के रूप में भी जाना जाता है। इसमें रीढ़ की हड्डी मे सूजन आ जाती है यह बीमारी रीढ़ की हड्डियों को खराब करने का कारण होती है। इससे रीढ़ की हड्डी कम लचीली होती है जिससे उसमे दर्द होने लगता है।
चोट और फ्रैक्चर: आमतौर पर कमर में दर्द चोट और फ्रैक्चर के कारण होता है। यह दर्द तेज़ भी हो सकता है। फ्रैक्चर होने की स्तिथि में तुरंत डॉक्टर को दिखाना चाहिए।
बीमारियों के कारण: कमर में दर्द विभिन्न प्रकार की बीमारियों जैसे कैंसर, संक्रमण आदि के कारण भी हो सकता है। गठिया जोड़ों यानी कूल्हों, पीठ के निचले हिस्से और घुटने में महसूस किया जा सकता है। रीढ़ की हड्डी में कुछ असामान्य जोड़ों के कारण कमर दर्द हो सकता है। गुर्दे की पथरी से भी कमर दर्द हो सकता है।
शारीरिक फिटनेस में कमी: शारीरिक फिटनेस में कमी होने के कारण भी दर्द का अनुभव हो सकता है। लंबे समय तक एक जगह पर बैठना, अधिक वज़न होने, धूम्रपान, देर तक ड्राइविंग करने के साथ-साथ यह आनुवंशिक कारणों से भी हो सकता है। इसके अलावा कैल्शियम की कमी, ऊंची हील के जूते पहनने से भी कमर दर्द हो सकता है।
यदि आपको कमर में दर्द का अनुभव हो तो तुरंत डॉक्टर को दिखाना चाहिए। हालांकि कई बार यह दर्द स्वयं भी ठीक हो जाता है लेकिन यदि...
कमर दर्द के इलाज के कई तौर-तरीके उपलब्ध है। इनमें दवाएं, नॉन सर्जिकल इलाज और सर्जिकल इलाज शामिल है। दर्द और सूजन से राहत के लिए ओवर-द-काउंटर दर्द निवारक दवा भी डॉक्टर दे सकते है या फिर त्वचा पर लगाने के लिए कोई क्रीम का इस्तेमाल किया जा सकता है। इसके गंभीर मामलों मे सर्जरी की भी आवश्यकता हो सकती है। इसके अलावा कई घरेलू उपचार भी कमर दर्द को दूर करने में मदद कर सकते है जैसे स्ट्रेचिंग और व्यायाम, गर्म और ठंडे पैक, जूते बदलना, मालिश करना आदि शामिल है। आमतौर पर डॉक्टर इसके इलाज में निम्नलिखित अनुशंसा कर सकते है।
कमर दर्द का घरेलू इलाज (Home Remedy For Back Pain)
कमर दर्द के इलाज में कई घरेलू नुस्ख़े काफी सहायक होते है। इनका इस्तेमाल करके आप कमर दर्द को प्रबंधित कर सकती है। दरअसल अगर कमर दर्द का कारण कोई गंभीर चोट या बीमारी नहीं है तो घरेलू नुस्खों से इसका इलाज किया जा सकता है। बहुत सारे घरेलू उपाय है जिसकी सहायता से कमर दर्द से राहत मिल सकती है।
कमर दर्द होने पर कई ज़रूरी बातों का ध्यान रखने की ज़रूरत होती है। इसमें थोड़ी सी लापरवाही होने पर आपको परेशानी हो सकती है। कमर दर्द होने पर निम्नलिखित बातों का ध्यान रखने की ज़रूरत होती है।
कई प्रकार के कैंसर से कमर में दर्द की समस्या होना आम है। कैंसर की वृद्धि या मेटास्टेसिस के संकेत के तौर पर आपको कमर दर्द हो सकता है। विशेषज्ञों के अनुसार, स्तन कैंसर, फेफड़े, टेस्टिकल्स और कोलोन ये चार प्रकार के कैंसर है जिनके पीठ तक फैलने की आशंका होती है और इन स्थितियों में कमर में दर्द होने का खतरा बढ़ सकता है। आकड़ो की माने तो फेफड़ों के कैंसर के 25 प्रतिशत मरीज कमर दर्द की शिकायत करते है। अगर कमर में दर्द होता है तो इसका हल्के में न ले हो सकता है कि यह कैंसर के कारण हो रहा हो।
कमर दर्द अनेक कारणों से हो सकता है। मांसपेशियों या लिगामेंट्स में खिंचाव, डिस्क का टूटना या खिसकना, चोट लगने व विभिन्न प्रकार की बीमारियों के कारण इसका होना आम है।
कमर दर्द से तुरंत राहत पाने के लिए सही मुद्रा में बैठें, भारी सामान न उठाएं, कमर की मालिश करें, लंबे समय तक एक जगह न बैठें, व्यायाम करें। इसके अलावा डॉक्टर की अनुशंसा से दर्द निवारक दवा भी ले सकते है ।
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