कमर दर्द अनेक कारणों से हो सकता है। दरअसल हमारा शरीर बहुत जटिल है और यह भारी वस्तुओं को उठाने में सक्षम नहीं होता है। इसके सबसे प्रमुख कारण इस प्रकार है।
मांसपेशियों या लिगामेंट्स में खिंचाव: भारी सामान उठाने या कुछ अजीब सी हरकत करने से कमर की मांसपेशियों और रीढ़ की हड्डी के लिगामेंट्स में खिंचाव आ सकता है। जिन लोगो की शारीरिक स्थिति ठीक नहीं होती है उनमें कमर की मांसपेशियों में खिंचाव के कारण ऐंठन और दर्द पैदा हो सकता है।
डिस्क का टूटना या खिसकना: डिस्क रीढ़ की हड्डियों के बीच कुशन का काम करती है। एक डिस्क के अंदर की नरम सामग्री उभर या फट सकती है और एक तंत्रिका पर दबाव डाल सकती है। जिससे कमर में दर्द होने लगता है। कई बार यह दर्द तीव्र भी हो सकता है।
वात रोग: ऑस्टियोआर्थराइटिस यानी गठिया पीठ के निचले हिस्से को प्रभावित कर सकती है। यह रीढ़ की गठिया हड्डी के चारों ओर की जगह को कम कर सकती है इस स्थिति को स्पाइनल स्टेनोसिस कहा जाता है। इसके कारण रीढ़ की हड्डी में दर्द का अनुभव हो सकता है।
एंकिलोज़िंग स्पोंडिलिटिस: इसे अक्षीय स्पोंडिलोआर्थराइटिस के रूप में भी जाना जाता है। इसमें रीढ़ की हड्डी मे सूजन आ जाती है यह बीमारी रीढ़ की हड्डियों को खराब करने का कारण होती है। इससे रीढ़ की हड्डी कम लचीली होती है जिससे उसमे दर्द होने लगता है।
चोट और फ्रैक्चर: आमतौर पर कमर में दर्द चोट और फ्रैक्चर के कारण होता है। यह दर्द तेज़ भी हो सकता है। फ्रैक्चर होने की स्तिथि में तुरंत डॉक्टर को दिखाना चाहिए।
बीमारियों के कारण: कमर में दर्द विभिन्न प्रकार की बीमारियों जैसे कैंसर, संक्रमण आदि के कारण भी हो सकता है। गठिया जोड़ों यानी कूल्हों, पीठ के निचले हिस्से और घुटने में महसूस किया जा सकता है। रीढ़ की हड्डी में कुछ असामान्य जोड़ों के कारण कमर दर्द हो सकता है। गुर्दे की पथरी से भी कमर दर्द हो सकता है।
शारीरिक फिटनेस में कमी: शारीरिक फिटनेस में कमी होने के कारण भी दर्द का अनुभव हो सकता है। लंबे समय तक एक जगह पर बैठना, अधिक वज़न होने, धूम्रपान, देर तक ड्राइविंग करने के साथ-साथ यह आनुवंशिक कारणों से भी हो सकता है। इसके अलावा कैल्शियम की कमी, ऊंची हील के जूते पहनने से भी कमर दर्द हो सकता है।