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हेयर ट्रांसप्लांट क्या होता है? हेयर ट्रांसप्लांट यानी बालों का प्रत्यारोपण एक सर्जिकल प्रक्रिया है जिसमे डर्मेटोलॉजिकल सर्जन बालों को सिर के गंजे भाग पर ट्रांसप्लांट करते है। आमतौर पर सिर के पीछे के भाग से बाल लेकर उनको गंजे भाग पर ट्रांसप्लांट किया जाता है। दूसरे शब्दों में इसे ऐसे भी समझ सकते है कि हेयर ट्रांसप्लांट में सिर पर नए बाल ग्राफ्ट किए जाते है। हेयर ट्रांसप्लांट सर्जरी गंजेपन का इलाज करवाने की सबसे सफल तकनीक है। इस विधि में खोपड़ी से या शरीर के अंगों से बालों के रोम को निकालने के लिए आधुनिक उपकरणों का उपयोग किया जाता है। फिर इन रोमों को नमी, ऑक्सीजन और पोषक तत्वों की नियमित आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न व्यवस्थाएं की जाती है। इसके बाद फॉलिकल्स को एक-एक करके हेयर फॉलिकल्स की गहराई दिशा और कोण पर विचार करके ट्रांसप्लांट किया जाता है ताकि व्यक्ति को सटीक मैच दिया जा सके। सर्जन बालों का ट्रांसप्लांट एनेस्थीसिया में करते है। विशेषज्ञों के अनुसार अधिंकाश गंजेपन के मामलों के कारण अनुवांशिक होते है। लेकिन इसके दूसरे कारण भी हो सकते है जैसे भोजन, तनाव, बीमारी या दवा का साइड इफ़ेक्ट आदि।
दरअसल हेयर ट्रांसप्लांट करने की कई विधियां है। इसमें दो विधियां सबसे ज्यादा प्रचलित है पहली फॉलिक्युलर यूनिट ट्रांसप्लांटेशन और दूसरी फॉलिक्युलर यूनिट एक्सट्रैक्शन। इससे बाल कुदरती बालों की तरह होते है जिन्हे आप कटवा सकते है कलर कर सकते है और अपना मनचाहा अनुसार हेयर स्टाइल रख सकते है।
फॉलिक्युलर यूनिट ट्रांसप्लांटेशन: ट्रांसप्लांट की इस प्रक्रिया में सिर के पीछे के हिस्से से दो सेंटीमीटर चौड़ी त्वचा निकालते है। इसके बाद इसमें से बालों को अलग कर सिर के आगे हिस्से पर मेडिकेटेड सुई से छेद कर इम्प्लांट करते है। इस दौरान जहां से त्वचा निकाली जाती है वहां बहुत बारीक़ टांके लगाते है जो आने वाले नये बालों से छुप जाते है। आमतौर पर ट्राईकोफाइटिक क्लोजर तकनीक की मदद से भी त्वचा के टांके लगाकर जोड़ दिया जाता है। इसमें निशान ना के बराबर दिखता है।
फॉलिक्युलर यूनिट एक्सट्रैक्शन: हेयर ट्रांसप्लांट की इस प्रक्रिया में एक विशेष प्रकार की मशीन से सिर के पीछे के हिस्से से बालों को जड़ सहित निकालकर सिर के आगे के हिस्से पर इम्प्लांट किया जाता है। इस प्रक्रिया में शरीर के दूसरे अंगों जैसे दाढ़ी या छाती से भी बाल निकाल कर इम्प्लीमेंट किए जा सकते है।
हेयर ट्रांसप्लांट करने के लिए सबसे पहले आपके सिर को अच्छे से साफ किया जाता है। इसके बाद लोकल एनेस्थीसिया देकर सिर को सुन्न कर दिया जाता है। अब किसी भी तकनीक के द्वारा बालों वाली जगह से एक हिस्सा निकाला जाता है और वहा पर टांके लगा दिए जाते है। सर्जन अलग निकाले हुए भाग को मैग्निफाइंग लेंस की मदद लेकर सर्जिकल चाकू से छोटे-छोटे हिस्से करते है। जब बालों को इम्प्लांट कर दिया जाता है तो ये हिस्से नए बालों को प्राकृतिक रूप प्रदान करते है। सिर के जिस भाग में हेयर ट्रांसप्लांट किया जाता है वहां सर्जन सुई से छोटे-छोटे छेद कर देते है और फिर इन छेद में अलग किये हुए हिस्से वाले बालों को रखते है। ग्राफ्ट के बाद कुछ दिनों के लिए इस पर पट्टी कर दी जाती है। सिर के टांके सर्जरी के कम से कम एक सप्ताह बाद हटा दिए जाते है। एक प्रक्रिया पूरी होने के कुछ दिन बाद दूसरी प्रक्रिया शुरू की जा सकती है।
दरअसल वास्तविकता यह है कि हेयर ट्रांसप्लांट करने के बाद सिर की त्वचा खराब हो सकती है इसलिए डॉक्टर हेयर ट्रांसप्लांट सर्जरी के बाद दवा लेने की अनुशंसा करते है। आमतौर पर डॉक्टर दर्द को प्रबंधित करने के लिए भी दवा देते है। इसके अलावा संक्रमण के जोखिम को कम करने के लिए एंटीबायोटिक दवा देते है। आवश्यकता के अनुसार सूजन ठीक करने वाली दवा का प्रयोग भी किया जाता है। अमूमन ऐसा देखा गया है कि सर्जरी के कुछ दिनों में ही ज्यादातर लोग अपने सामान्य जीवन में लौट आते है। अधिकांश लोगों को सर्जरी के छह महीने की अवधि में आधे से अधिक नए बालों का विकास दिखाई देने लगता है।
दरअसल हेयर ट्रांसप्लांट किसी भी उम्र के पुरुष या महिलाएं करा सकती है। आमतौर पर 30 से 40 साल के व्यक्ति इस प्रक्रिया के लिए आदर्श माने जाते है। इससे कम उम्र या अधिक उम्र के व्यक्तियों को भी यह की जा सकती है। सर्जरी कराने से पहले रोगी का स्वस्थ होना ज़रूरी है। खोपड़ी की शिथिलता वाले रोगी इलाज के लिए सबसे अच्छे हो सकते है। रोगी के बालों के झड़ने का स्तर नियंत्रित होना चाहिए। अगर रोगी को बालों के झड़ने की अधिक समस्या होगी तो यह भविष्य में समस्या पैदा कर सकता है और रोगी को फिर से ट्रांसप्लांट कराना पड़ सकता है।
हेयर ट्रांसप्लांट के दरअसल कई फायदे हो सकते है। व्यक्ति पहले से बेहतर दिखाई देने लगता है। गंजेपन के कारण वे हीन भावना का शिकार होने लगते है। सिर में नए बाल आने से उनमें आत्मविश्वास आ जाता है। वे मानसिक रूप से भी अपने आप को फिट महसूस करते है। आमतौर पर ऐसा देखा जाता है कि कुछ लोगों के तो बाल सही प्रकार से आने लगते है वही कुछ लोगो के घने बाल नहीं आ पाते है। दरअसल यह विभिन्न स्थितियों पर निर्भर करता है। जैसे सिर की त्वचा किस तरह की है। ट्रांसप्लांट की गई जगह पर फॉलिकल्स कितने घने है। जिन बालों का ट्रांसप्लांट किया गया है उनकी गुणवत्ता कैसी है अगर अच्छी गुणवत्ता है तो बाल अच्छे होंगे और अगर गुणवत्ता बेहतर नहीं है तो कम बाल होने की संभावना अधिक रहती है। इसके अलावा इम्प्लीमेंट के बाद उचित प्रकार से इलाज न करवाने या घुंघराले बालों का भी प्रभाव पड़ सकता है।
हेयर ट्रांसप्लांट कराने से कई प्रकार के नुकसान होने की संभावना रहती है। देखा जाए तो इसके साइड इफेक्ट अधिकतर मामलों में बहुत मामूली होते है और कुछ समय में ही समाप्त हो जाते है। लेकिन कुछ मामलों में नुकसान गंभीर हो सकते है। उस स्तिथि में आपको हेयर ट्रांस्पलांट के बाद उचित इलाज कराने की ज़रूरत होती है। आमतौर पर हेयर ट्रांस्पलांट के बाद निम्नलिखित नुकसान हो सकते है।
- ट्रांसप्लांट के बाद रक्त बह सकता है
- संक्रमण हो सकता है
- खुजली हो सकती है
- त्वचा में सूजन आ सकती है
- बालों में गुच्छे बन सकते है
- इलाज किये गए भाग में संवेदना की कमी हो सकती है
- आंखों पर फर्क पड़ सकता है
- कई बार बाल झड़ने लगते है
हेयर ट्रांसप्लांट का खर्चा विभिन्न स्तिथियों पर निर्भर करता है। आमतौर पर यह खर्चा ट्रांसप्लांट के प्रकार और मरीज़ की स्तिथि के अलावा अस्पताल पर भी निर्भर करता है। बेहतर हेयर ट्रांसप्लांट कराने में कम से कम 40000 से 150000 तक का खर्चा आ सकता है।
हेयर ट्रांसप्लांट एक सर्जिकल प्रक्रिया है जिसमे सर्जन बालों को सिर के गंजे भाग पर ट्रांसप्लांट करते है। यह बाल सिर के निचले हिस्से के साथ-साथ शरीर के दूसरे अंगों जैसे छाती, दाढ़ी से लिए जा सकते है।
आमतौर पर हेयर ट्रांसप्लांट के परिणामों को स्थायी माना जाता है क्योंकि ग्राफ्ट लगाए जाने के बाद आप उन्हें पहले जैसा नहीं कर सकते है। हालांकि हेयर ट्रांसप्लांट की देखभाल समय के साथ-साथ बदल सकती है।
सबसे पहले एनेस्थीसिया देकर सिर को सुन्न किया जाता है। सिर के जिस भाग में हेयर ट्रांसप्लांट किया जाता है वहां सर्जन सुई से छोटे-छोटे छेद कर देते है और फिर इन छेद में अलग किये हुए हिस्से वाले बालों को रखते है। ग्राफ्ट के बाद कुछ दिनों के लिए इस पर पट्टी कर दी जाती है। सिर के टांके सर्जरी के कम से कम एक सप्ताह बाद हटा दिए जाते है। एक प्रक्रिया पूरी होने के कुछ दिन बाद दूसरी प्रक्रिया शुरू की जा सकती है।
आमतौर पर हेयर ट्रांसप्लांट में 40000 से 150000 तक का खर्चा आ सकता है। दरअसल यह रोगी की स्थिति व इलाज के प्रकार के साथ-साथ विभिन्न स्थितियों पर निर्भर करता है।
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