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दिल के मरीजों की कैसी होनी चाहिए लाइफस्टाइल? क्या करें क्या न करें? जानिए

icon-blog By -Dr. Kanika Sharma
icon-blog By -November 23, 2023
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भारत में दिल के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। एक अनुमान के मुताबिक पिछले दस सालों में तकरीबन सवा दो लाख से अधिक भारतीयों की मौत दिल की बीमारियों के कारण हो चुकी है। पिछले कुछ सालों में ही दिल का दौरा यानी हार्ट अटैक से होने वाली मौतें 75% तक बढ़ गई है। दरअसल दिल हमारे शरीर का सबसे महत्वपूर्ण अंग है। खराब जीवनशैली यानी लाइफस्टाइल और बढ़ते तनाव ने दिल के रोगियों की संख्या काफी बढ़ा दी है। अब यह सिर्फ बुजुर्गों को ही नहीं बल्कि युवाओं को भी बड़ी संख्या में प्रभावित कर रही है। एक रिपोर्ट के मुताबिक 2015 में भारत में 6.2 करोड़ लोगों को दिल से जुड़ी बीमारियां हुई थी। इसमें से 2.3 करोड़ लोग ऐसे थे जिनकी उम्र 40 साल से भी कम थी। इसका सीधा मतलब यह हुआ कि 40 फीसदी दिल के मरीजों की उम्र 40 साल से कम है। एक और आंकड़े के मुताबिक 1990 में भारत में होने वाली मौतों में से 15.2% दिल से जुड़ी बीमारियों की वजह से हुई थी। 2016 में यह आंकड़ा बढ़कर 28.1% पर आ गया यानी 2016 में भारत में होने वाली हर 100 में 28 मौत का कारण दिल से जुड़ी बीमारियां थीं। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार दिल से जुड़ी बीमारियां मौतों का सबसे बड़ा कारण है। दुनियाभर में 2019 में  1.79 करोड़ मौतें दिल से जुड़ी बीमारियों के कारण हुई थीं।  इनमें से भी 85% मौतें दिल का दौरा यानी हार्ट अटैक और हार्ट स्ट्रोक से हुई थी।

क्यों बढ़ रही है दिल की बीमारियां?

दिल की बीमारियों के बढ़ने के अनेक कारण है। इसके सबसे प्रमुख कारण हमारी लाइफस्टाइल से जुड़े हुए है इनमें कुछ इस प्रकार है। 

लाइफस्टाइल:

हमारी लाइफस्टाइल के सही न होने के कारण दिल की बीमारियां तेज़ी से बढ़ रही है। धूम्रपान, शारीरिक गतिविधि की कमी, मोटापा, जंक फूड खाने से हाई कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ता है जिससे दिल की बीमारियों की संभावनाएं बढ़ती जा रही है। एक आकडे के मुताबिक भारत में 16 से 44 साल के 25 करोड़ से ज्यादा लोग धूम्रपान करते है। दरअसल धूम्रपान से खतरनाक केमिकल रक्त में पहुंच जाते है। ये केमिकल हार्ट और रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुंचाते है जिससे दिल से जुड़ी बीमारियां होने का खतरा बढ़ जाता है।

आयु:

दिल की बीमारियां बढ़ने में आयु एक मुख्य कारण है। जैसे-जैसे व्यक्ति की उम्र बढ़ती है दिल की बीमारियों का खतरा अधिक हो जाता है।

लिंग:

आमतौर पर महिलाओं की तुलना में पुरुषों को दिल की बीमारियों का खतरा अधिक होता है।

आनुवंशिक:

दिल की बीमारी अनुवांशिक भी हो सकती है। यदि आपके परिवार में किसी सदस्य को दिल की बीमारी है तो यह परिवार के अन्य व्यक्ति को प्रभावित कर सकती है।

मधुमेह और उच्च रक्तचाप:

दिल की बीमारी का एक मुख्य कारण मधुमेह और उच्च रक्तचाप जैसी  बीमारियां भी है। इनको नियंत्रित किया जाना ज़रूरी है। अगर मधुमेह और उच्च रक्तचाप अनियंत्रित रहते है तो दिल की बीमारियों का खतरा अधिक रहता है। 

तनाव:

 तनाव होने पर सूजन वाले हार्मोन निकलते है जिसका सीधा असर दिल पर पड़ता है। लंबे समय तक तनाव में रहने से कोलेस्ट्रॉल, मधुमेह और रक्तचाप बढ़ता है जिससे दिल से जुड़ी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।
 

अगर अचानक से दिल का दौरा पड़ जाता है तो आपको निम्न बातों का ध्यान रखना ज़रूरी है। 

- अचानक से थकान, सीने में दर्द, सांस लेने में तकलीफ, बेचैनी या बांहों में दर्द होने पर इन संकेतों को नजरअंदाज न करें। 

- कोई भी काम करने की कोशिश न करें तुरंत अस्पताल पहुंचने की कोशिश करें। 

- इस स्थिति में रक्त के प्रवाह को सही करना और मांसपेशियों के नुकसान को कम करना जरूरी है। 

- अगर व्यक्ति सचेत है और सांस ले रहा है तो सीपीआर या कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन की जरूरत नहीं है। लेकिन अगर व्यक्ति बेहोश है तो सीपीआर दिया जाना चाहिए। सीपीआर से दिल की धड़कन चलने लगती है और खून का प्रवाह होने लगता है। 

- ब्लड क्लॉट रोकने के लिए एस्प्रिन ले सकते है। सीने में दर्द के लिए पेन किलर भी ले सकते है। दवा डॉक्टर की सलाह से लेना बेहतर होता है। 

क्या करें क्या न करें?

दिल की बीमारी के अनेक मरीज़ सही समय पर सही इलाज न मिलने के कारण मर जाते है। अगर आप के दिल की सेहत नाजुक है या फिर आप दिल के मरीज है तो आपको अपनी लाइफस्टाइल में बदलाव करना जरूरी है। जिससे कि आपको दिल का खतरा कम हो जाएं। विशेषज्ञों के मुताबिक अगर कोई दिल का मरीज है तो उन्हें कुछ बातों का ख्याल करना ज़रूरी है। आईये जानते है क्या है वे बातें।
 

खाना खाने के बाद टहलना सही या गलत?

दरअसल दिल के मरीज़ो को खाना खाने के तुरंत बाद नहीं टहलना चाहिए। बल्कि ऐसे मरीजों को खाली पेट टहलना बेहतर रहता है। खाना खाने के तुरंत बाद हल्का-फुल्का वॉक तो आप कर सकते है लेकिन अधिक वॉक करना सही नहीं रहता है। 

भारी सामान ना उठाएं

दिल के मरीजों को भारी सामान नहीं उठाना चाहिए। ऐसा करने से दिल की धड़कन काफी ज्यादा बढ़ जाती है और एंजाइना होने का रिस्क हो सकता है। जिसमे छाती में तेज दर्द उठता है और अटैक होने का खतरा बढ़ता है। दिल के मरीज़ो को 15 से 20 किलो से ज्यादा कोई सामना नहीं उठाना चाहिए।

रक्तचाप व मधुमेह पर नजर रखें

दिल के मरीजों को रक्तचाप व मधुमेह को प्रबंधित करना ज़रूरी होता है। नियमित रूप से इनको चेक कराते रहना चाहिए। अगर यह बढ़ते है तो दिल को ज्यादा प्रेशर देकर पंप करना पड़ता है जो दरअसल गंभीर स्तिथि होती है। 

तनाव न होने दें

दिल के मरीज़ो के लिए ज़रूरी है कि वे तनाव, अवसाद व चिंता से दूर रहें। चिल्लाना, झगड़ा करना, तनाव लेने से पूरी तरह बचना ज़रूरी है। आकड़ो के मुताबिक एक्यूट स्ट्रेस की वजह से हार्ट अटैक होने का अवसर अधिक रहता है। 
 

दिल के मरीज़ो का खानपान कैसा हो ?

दिल की बीमारी एक गंभीर समस्या है। इस बीमारी में खानपान पर अधिक ध्यान देने की ज़रूरत होती है। खाद्य-पदार्थों से कोलेस्‍ट्रॉल, ब्‍लड प्रेशर, मधुमेह का स्‍तर नियंत्रित होता है। दरअसल हकीकत यह है कि कैलोरी, वसा, कोलेस्‍ट्रॉल, सोडियम आदि की मात्रा को निधार्रित करके दिल की बीमारियों को कम किया जा सकता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार यदि दिल की बीमारियों को गंभीरता से नहीं लिया गया तो लोग बड़ी संख्या में  दिल के मरीज हो जाएंगे। दिल के रोगों से पीड़ित लोगों को अक्सर यह दुविधा रहती है कि उन्हें किस तरह का खानपान करना चाहिए। खानपान और जीवनशैली में परिवर्तन करके वे दिल के रोगों से लड़ सकते है। 
 

कोलेस्ट्रॉल कम करें

दरअसल दिल की समस्या जितनी गंभीर हो उसी के आधार पर खानपान भी होना चाहिए। खाद्य-पदार्थों से कोलेस्ट्रॉल और ब्लड प्रेशर का स्तर नियंत्रित होता है। डॉक्टर नेहा के अनुसार कैलोरी, वसा, कोलेस्ट्रॉल, सोडियम आदि की मात्रा को निर्धारित करके दिल की बीमारियों को कम किया जा सकता है। दिल के मरीज इस तरह से अपना डाइट चार्ट बना सकते है।

- आप सुबह में सात बजे मलाई रहित एक गिलास दूध लें। दूध के साथ बादाम की पांच गिरी खा सकते है।


- नौ बजे के आसपास अंकुरित अनाज और एक प्लेट मिक्स या वेजिटेबल उपमा लें।


- दोपहर में चोकर युक्त रोटी, एक कटोरी छिलके वाली दाल, थोड़े चावल, हरी सब्‍जी, दही और सलाद का सेवन करें।


- शाम में चार बजे एक कप चाय, भेल एक प्लेट या बिस्कुट, कोई एक फल सेब, संतरा, अनार, नाशपाती लेना बेहतर है।


- रात में चोकर युक्त रोटी, एक कटोरी छिलके वाली दाल, थोड़े चावल, हरी सब्‍जी, दही और सलाद का सेवन करें।


- रात में सोने से एक घंटे पहले एक फल या दूध ले सकते है।

इन बातों का भी रखें ध्‍यान

डॉक्टर नेहा कहती है कि दिल के मरीज़ो के लिए निम्न बातों का ध्यान रखना बहुत ज़रूरी है। 


- आप जो भी खाये लेकिन उसमे दो-तीन चम्मच घी व तीन-चार चम्मच तेल से ज्यादा का प्रयोग न करें।


- मसालेदार भोजन, तली-भुनी चीजों और नमक का सेवन कम से कम करें ।


- हरी पत्तेदार सब्जियों एवं फलों का सेवन अधिक मात्रा में करें।


- दिल के मरीज़ो को धूम्रपान, शराब या अन्य किसी नशीली वस्तु का सेवन बिल्कुल बंद कर देना चाहिए।


- आंवले और लहसुन का सेवन प्रतिदिन करना बेहतर रहता है। 


- सेब के मुरब्बे का सेवन दिल के मरीज़ो के लिए फायदेमंद रहता है। 


- हल्के-फुल्के व्यायाम, योग ज़रूर करें। भारी व्यायाम करने से बचें। 
 

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

दिल के मरीजों का सबसे अच्छा खाना क्या है?

दरअसल खाद्य-पदार्थों से कैलोरी, वसा, कोलेस्ट्रॉल, सोडियम आदि की मात्रा को निर्धारित करके दिल की बीमारियों को कम किया जा सकता है। हरी पत्तेदार सब्जियों एवं फलों का सेवन दिल के मरीजों को अधिक करना चाहिए। आंवले, लहसुन व सेब के मुरब्बे का सेवन प्रतिदिन करना बेहतर होता है।
 

दिल के मरीजों को क्या नहीं खाना चाहिए?

दिल के मरीजों को मसालेदार भोजन, तली-भुनी चीजों और नमक का सेवन कम से कम करना चाहिए। जो भी खाए उसमे दो-तीन चम्मच घी व तीन-चार चम्मच तेल से ज्यादा का प्रयोग न करें। धूम्रपान, शराब या अन्य किसी नशीली वस्तु का सेवन बिल्कुल नहीं करना चाहिए।

क्या चावल दिल के मरीजों के लिए अच्छा है?

चावल का अधिक सेवन दिल के मरीजों के लिए बेहतर नहीं रहता है। कई विशेषज्ञ दिल की बीमारियों के बढ़ने की एक वजह चावल का अधिक सेवन करने को भी मानते है। अगर आप का चावल खाने का मन करता है तो आप पुराने चावल को थोड़ी मात्रा में ले सकते है।  

 

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