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वायु प्रदूषण से हो सकती हैं ये 7 गंभीर बीमारियां, ऐसे करें बचाव

icon-blog By -Dr. Kanika Sharma
icon-blog By -November 14, 2023
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आप स्वस्थ है? इस भ्रम में बिल्कुल न रहें ! वायु प्रदूषण कर देगा बीमार, जान लीजिए कैसे करना है बचाव

जीवन के लिए स्वच्छ वायु न केवल मानव बल्कि सभी जीवधारियों के लिए आवश्यक है। स्वच्छ वायु हमें वायुमंडल से प्राप्त होती है। दिल्ली-एनसीआर की आबोहवा की वजह से आजकल वायु प्रदूषण काफी चर्चा में है। आईए जानते है कि आखिर वायु प्रदूषण क्या होता है? दरअसल वायुमण्डल में पाई जाने वाली गैसें निश्चित मात्रा एवं अनुपात में होती है। जब किन्हीं कारणों से उनकी मात्रा एवं अनुपात में परिवर्तन होता है तो इसे वायु प्रदूषण कहते है। इसमें विभिन्न प्रकार की गैसें, कार्बन के कण, धुआँ, खनिजों के कण आदि सम्मिलित है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार "वायु प्रदूषण एक ऐसी परिस्थिति है जिसमें बाह्य वायुमंडल में ऐसे पदार्थ एकत्रित हो जाते है जो मनुष्य एवं उसके पर्यावरण के लिए हानिकारक होते है।" कुछ समय पहले ही संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट में यह बात सामने आई थी कि घर के अंदर और बाहर होने वाले वायु प्रदूषण के कारण हर साल करीब 70 लाख लोगों की मौत समय से पहले हो जाती है जिसमें 6 लाख बच्चे भी शामिल है। अब आप अंदाजा लगा सकते है कि प्रदूषण किस तरह से हमारे स्वास्थ्य के लिए एक जहर बनता जा रहा है।

आज हवा से लेकर पानी, फल सब्जियां यहां तक कि रोजमर्रा की सभी चीजें प्रदूषित हो रही है। जिनसे कई तरह की बीमारियों जैसे दिल की बीमारियां, स्ट्रोक, फेफड़ों का कैंसर क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (सीओपीडी) और तीव्र सांस संक्रमण प्रमुख है। बच्चे तीव्र सांस संक्रमण के सबसे अधिक शिकार हो रहे है।

दिल्ली एनसीआर में गहराता वायु प्रदूषण

पिछले कुछ समय से दिल्ली और उसके आसपास के लोगों को खतरनाक और दमघोंटू धुंध का सामना करना पड़ रहा है। यहां का वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 500 अंक को पार कर गया है और “गंभीर” और “गंभीर-प्लस” श्रेणियों के आसपास मंडरा रहा है।

दरअसल यहा साल के अधिकतर दिनों में AQI का स्तर असंतोषजनक या खराब होता है। जिससे हवा की गुणवत्ता लगातार खराब होती जा रही है। अफसोस की बात यह है कि इसका अभी तक कोई समाधान नहीं किया गया है।

यह हवा हम पर तत्काल तेजी से असर भी कर रही है और लंबे समय तक दीर्घकालिक बीमारियां भी देगी। दिल्ली एनसीआर में गहराता वायु प्रदूषण का संकट स्वस्थ लोगों में भी अस्थमा के रोगियों जैसी समस्याओं को पैदा कर रहा है।

प्रदूषकों का लगातार हमला स्वस्थ व्यक्तियों के फेफड़ों को भी अस्थमा रोगियों के फेफड़ों जैसा कमजोर बना रहा है। आइये जानते है क्या है इसके कारण और कैसे मिल सकती है इससे निजात। 

वायु प्रदूषण के कारण

वायु प्रदूषण का प्रमुख कारण मानव की विभिन्न गतिविधियों द्वारा वायु में छोड़ी गई गैसें तथा अन्य हानिकारक पदार्थ है। जैसे कार्बन डाइऑक्साइड, कार्बन मोनोऑक्साइड, सल्फर डाइऑक्साइड, हाइड्रोकार्बन, अमोनिया आदि।

इसके अतिरिक्त औद्योगिक कारणों से, घरों में ईंधन जलाने से, वाहनों के चालन से तथा कृषि सम्बन्धी कार्यों से भी वायु प्रदूषित होती है। कुल मिलाकर यह है कि वायु प्रदूषण के अनेक कारण हो सकते है इसके सबसे प्रमुख कारण निम्नलिखित है। 


- आमतौर पर फैक्टरी और कारखानों से निकलने वाला धुआं एसपीएम यानी सस्पेंडेड पार्टिक्युलेट मैटर, सीसा और नाइट्रोजन ऑक्साइड आदि के कारण वायु प्रदूषण बढ़ता है।

-वायु प्रदूषण व पर्यावरण को प्रदूषित करने में कूड़ा-कचरा की भूमिका भी काफी होती है। जगह-जगह कूड़ा जलाए जाने और फेंकने से कई हानिकारक गैसें उत्पन्न होती है और स्वच्छ हवा के साथ मिलकर उसे जहरीला बना देती है। हाल ही में पंजाब में पराली जलाने के कारण वायु प्रदूषण काफी बढ़ रहा है। 

-वायु प्रदूषण के कारण पानी प्रदूषित हो रहा है। जिसके इस्तेमाल से कई प्रकार की बीमारियां हो रही है। फैक्ट्रियों, कारखानों से निकलने वाला कचरा नदियों में बहा दिया जाता है। गंदे नालों से निकलने वाला पानी नदियों में मिलकर उसे प्रदूषित बना देता है। यह प्रदूषित पानी डायरिया, टाइफाइड और हैजा जैसी बीमारियां फैला रहा है।

- ज्वालामुखी से निकली राख, आंधी, तूफान के समय उड़ती धूल, वनों में लगी आग से उत्पन्न धुआं तथा कोहरे इत्यादि से वायु प्रदूषण होता है।

- फसल को नुकसान पहुंचाने वाले कीटों तथा पेस्ट का नाश करने के लिए अनेक प्रकार के विषैले कीटनाशक तथा पेस्ट नाशक दवाइयों के छिड़काव का बहुत अधिक प्रचलन है। पौधों के संक्रामक रोगों और टिड्डी तथा दूसरे कीटों के आक्रमण के समय इन दवाओं का विस्तृत छिड़काव वायुयानों के द्वारा भी किया जाता है। इस प्रकार छिड़काव से ये विषैले रसायन वाष्प तथा सूक्ष्म कणों के रूप में वायुमण्डल के विस्तृत क्षेत्र में व्याप्त हो जाते है तथा गंभीर वायु प्रदूषण का कारण बनते है। फसल के अवशेष जलाने से भी वायु प्रदूषण फैलता है। इसके अलावा भी इसके अनेक कारण है।

वायु प्रदूषण से हो सकती है ये बीमारियां

वायु प्रदूषण से कई गंभीर बीमारियां होने की संभावना रहती है। प्रदूषित हवा में सांस लेने से न सिर्फ सांस संबंधी बीमारियां होती है बल्कि कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी भी हो सकती है। वायु में प्रदूषक तत्वों की संख्या बढ़ने से सांस लेने में परेशानी के अलावा आंखों में जलन और खुजली होने लगती है। आकड़ो के मुताबिक 2017 में वायु प्रदूषण से करीब 12.4 लाख मौतें हुईं थी। तनाव, चिंता ,डायबीटीज और दिल की बीमारिया वायु प्रदूषण के कारण हो रही है।  यातायात संबंधी प्रदूषण की वजह से बच्चों के दिमाग पर बुरा प्रभाव पड़ता है और यह कई तरह के मानसिक विकारों को जन्म देता है। प्रदूषण से मिसकैरेज का भी खतरा भी रहता है। आमतौर पर वायु प्रदूषण से निम्नलिखित बीमारियां के होने की संभावना अधिक रहती है। 

हार्ट अटैक 

वायु प्रदूषण से दिल का दौरा पड़ने का खतरा बढ़ जाता है। दरअसल जहरीली हवा के महीन कण पीएम 2.5 खून में प्रवेश कर जाते है। इससे धमनियों में सूजन आने लगती है और फिर दिल के दौरे का खतरा बढ़ जाता है।

सांस संक्रमण

वायु प्रदूषण से सांस लेने में कठिनाई होने लगती है। बच्चो को यह काफी प्रभावित करता है। इससे नाक, गला और फेफड़ें संक्रमित हो जाते है। इस बीमारी से पांच वर्ष से कम आयु के बच्चों की मृत्यु सबसे अधिक होती है। वायु प्रदूषण से क्रोनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (सीओपीडी) भी हो सकती है। यह सांस संबंधी बीमारी है जिसमें रोगी को सांस लेने में मुश्किल होती है। यह बेहद खतरनाक होती है।

अस्थमा

यह एक सांस संबंधी रोग है जिसमें रोगी को सांस लेने में परेशानी होती है। इसमे सीने में दबाव महसूस होता है और खांसी होती है। ऐसा तब होता है जब व्यक्ति की श्वसन नलियों में अवरोध पैदा होने लगता है। ये रुकावट एलर्जी हवा अथवा प्रदूषण और कफ से होता है।

लंग कैंसर

वायु प्रदूषण से लंग कैंसर भी हो सकता है। आमतौर पर इसका पता तब चलता है जब एससीएलसी शरीर के विभिन्न हिस्सों में फैल चुका होता है। नॉन-स्मॉल सेल लंग कैंसर (एनएससीएलसी)  तीन प्रकार एडिनोकार्सिनोमा, स्क्वैमस सेल कार्सिनोमा और लार्ज सेल कार्सिनोमा के होते है।

वायु प्रदूषण से बचाव के लिए क्या करें

वायु प्रदूषण से बचाव करना हम सब के लिए जरूरी है। सरकार के साथ-साथ हमें भी इससे बचने की पूरी कोशिश करनी चाहिए। प्रदूषण से संबंधित बने कानूनों का सख्ती से पालन किया जाना चाहिए। इसके अलावा कुछ छोटे-छोटे उपाय है जिनका इस्तेमाल करके हम वायु प्रदूषण से बच सकते है। हमारे लिए ज़रूरी है कि हम

- अपने वाहनों की समय-समय पर प्रदूषण संबंधी जांच करवाएं।

- जब तक वायु प्रदूषण कम नहीं हो जाता मास्क पहनकर ही बाहर निकलें।

- समय-समय पर भांप लेते रहें। 

- काढा का सेवन ज़रूर करें ताकि आपकी इम्युनिटी बनी रहें और आप बीमार न हो। 

- व्यायाम ज़रूर करें विशेषकर प्राणायाम काफी फायदेमंद हो सकता है। 

- कल-कारखानों से निकलने वाले धुएं को ऊँची चिमनियों के द्वारा वायुमण्डल में काफी ऊंचाई तक छोड़ना चाहिए। इससे वायु प्रदूषण डाइल्यूट हो जाता है और उसका प्रभाव कुछ कम हो जाता है।

- फैक्ट्रियों के कारण होने वाले वायु प्रदूषण को रोकने के लिए फैक्ट्रियों को जनसंख्या वाले क्षेत्रों से दूर करके वायु प्रदूषण को रोका जाता है।

- उत्पादन विधि में परिवर्तन करके उन्नत और आधुनिक विधियों के उत्पादन के स्थान पर पुरानी विधियों को कार्यान्वित करना चाहिए।

- गीला कचरा और सूखा कचरा अलग डस्टबिन में डालें। फल, सब्जियों या ऐसी चीजें जो रीसायकल हो सके उन्हें हरे कूड़ेदान में डालें और प्लास्टिक, कांच, पॉलीथीन जैसी चीजें नीले रंग के कूड़ेदान का प्रयोग करें।

- ऐसे सामानों का इस्तेमाल करें जिन्हें दोबारा इस्तेमाल किया जा सके।

- उपकरणों के द्वारा नियंत्रण करके जिस स्त्रोत से प्रदूषक आते है उन्हें प्रदूषण फैलने से रोकने वाले उपकरणों के द्वारा रोक लगाकर वायु प्रदूषण पर नियंत्रण करना चाहिए।

- कम से कम जब भी कमरे या घर से बाहर निकलें तो सभी लाइटें और पंखे बंद कर दें।

- अगर आसपास ही किसी मार्केट या अन्य जगह पर जाना है तो कार या पब्लिक ट्रांसपोर्ट के बजाय साइकिल का इस्तेमाल करें या फिर वॉक करके जाएं।

- गाड़ी, घर या अन्य चीजों की साफ-सफाई के लिए खतरनाक केमिकल आधारित उत्पादों की जगह इको-फ्रेंडली उत्पाद इस्तेमाल करें।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

वायु प्रदूषण से स्वास्थ्य पर क्या प्रभाव पड़ता है?

वायु प्रदूषण से कई गंभीर बीमारियां होने की संभावना रहती है। प्रदूषित हवा में सांस लेने से न सिर्फ सांस संबंधी बीमारियां होती है बल्कि कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी भी हो सकती है। वायु प्रदूषण से बड़ी संख्या में लोग बीमार हो रहें है।

वायु प्रदूषण से कौन-कौन सी बीमारियां हो सकती है?  

वायु प्रदूषण की वजह से कई गंभीर बीमारियां हो सकती है। तनाव, चिंता ,शुगर, दिल की बीमारियों के साथ-साथ सांस संक्रमण, अस्थमा, मानसिक स्वास्थ्य पर भी असर पड़ सकता है। वायु प्रदूषण से मिसकैरेज का खतरा भी रहता है। 

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