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अगर आपके सीने में दर्द या जलन होती है तो आपको एनजाइना नामक बीमारी हो सकती है। कई लोग बार-बार सीने में होने वाले दर्द और जलन को नज़रअंदाज़ करते है जिसके गंभीर परिणाम उन्हें भुगतने पड़ सकते है। दरअसल दिल से जुड़ी अनेक प्रकार की बीमारियां होती है उन्मे से एक है एनजाइना। एनजाइना में सीने में दर्द होता है। आमतौर पर यह दर्द तब होता है जब दिल में रक्त के प्रवाह में कमी आ जाती है। इसमें होने वाले दर्द में सीने में दबाव, भारीपन, जकड़न और दर्द का अनुभव होता है। एनजाइना को एनजाइना पेक्टोरिस या इस्केमिक चेस्ट पेन के रूप में भी जाना जाता है। एनजाइना में होने वाला दर्द बार-बार होता है। अगर उचित समय पर इसका इलाज नहीं किया जाता है तो इसके गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते है। अगर एक बार यह बीमारी हो जाती है तो इसके बार-बार होने की संभावना होती है।
मोटे तौर पर एनजाइना दो प्रकार के होते है। पहला स्थिर एनजाइना और दूसरा अस्थिर एनजाइना। इसके अलावा दुर्दम्य एनजाइना, वेरिएंट एनजाइना जिसे प्रिंज़मेटल एनजाइना भी कहते है आदि प्रकार के भी एनजाइना हो सकते है।
स्थिर एनजाइना (Stable Angina): यह एनजाइना का सबसे आम प्रकार है। स्थिर एनजाइना का दर्द होने पर समानता या एक पैटर्न का अनुभव होता है। स्थिर एंजाइना को ट्रैक करने से आप इसके लक्षणों को आसानी से काबू कर सकते है। इसे एनजाइना पेक्टोरिस के रूप में भी जाना जाता है।
अस्थिर एनजाइना (Unstable Angina): इस प्रकार का एनजाइना आमतौर पर अचानक से होता है और समय के साथ-साथ यह गंभीर स्तिथि पैदा कर देता है। इसके होने से हार्ट अटैक होने की संभावना बढ़ जाती है। हालांकि स्थिर एनजाइना अस्थिर एनजाइना के मुकाबले कम गंभीर होता है लेकिन यह दर्दनाक और असहज हो सकता है। आमतौर पर दोनों प्रकार के एनजाइना एक अंतर्निहित दिल की समस्या के लक्षण होते है।
वेरिएंट एनजाइना (Variant Angina): वेरिएंट एनजाइना जिसे प्रिंज़मेटल एनजाइना के रूप में भी जाना जाता है। यह दिल की धमनियों में ऐंठन के कारण होता है जो अस्थायी रूप से रक्त प्रवाह को कम कर देता है। इसमें सीने में दर्द काफी गंभीर होता है। आराम करने और दवा लेने से इसके दर्द में आसानी से राहत मिल सकती है।
दुर्दम्य एनजाइना (Refractory Angina) : दवाओं और लाइफस्टाइल में बदलाव के बावजूद एनजाइना होने की समस्या को दुर्दम्य एनजाइना कहा जाता है।
एनजाइना होने पर कई प्रकार के लक्षण सामने आ सकते है। आमतौर पर इसके लक्षण और अवधि एनजाइना के प्रकार और रोग की गंभीरता पर निर्भर करते है। इसके सबसे प्रमुख लक्षण इस प्रकार है।
- छाती में दबाव महसूस होना
- छाती में जलन या दर्द होना
- निचोड़े जाने का अनुभव होना
- छाती कसी हुई महसूस होना
- गर्दन, गले, हाथ और कंधे में दर्द महसूस होना
- पीठ के ऊपरी हिस्से में दर्द होना
- जबड़े में दर्द होना
- खट्टी डकारें आना
- पेट में जलन होना
- कमजोरी महसूस होना
- अधिक पसीना आना
- जी मिचलाना
- सांस लेने में कठिनाई होना
एनजाइना दिल की मांसपेशियों में रक्त प्रवाह की कमी के कारण होता है। दरअसल रक्त ऑक्सीजन ले जाने का काम करता है जिससे दिल की मांसपेशियों को जीवित रहने की ज़रूरत होती है। जब दिल की मांसपेशियों को पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिलता है तो यह इस्किमिया नामक स्थिति का कारण बनती है। दिल की मांसपेशियों में कम रक्त प्रवाह का सबसे प्रमुख कारण कोरोनरी धमनी रोग है। दिल की धमनियां प्लाक नामक फैटी जमा से संकुचित हो सकती है जिसे एथेरोस्क्लेरोसिस कहा जाता है। इस स्थिति में यदि रक्त वाहिका में सजीले टुकड़े टूट जाते है या रक्त का थक्का बन जाता है, तो यह संकुचित धमनी के माध्यम से प्रवाह को अवरुद्ध या कम कर देती है तो एनजाइना हो सकता है। कम ऑक्सीजन की मांग के दौरान मांसपेशियां एनजाइना के लक्षणों को ट्रिगर किए बिना रक्त प्रवाह की कम मात्रा पर काम करने में सक्षम हो सकती है। लेकिन जब ऑक्सीजन की मांग बढ़ जाती है तो एनजाइना होने की संभावना भी बढ़ जाती है।
एनजाइना के कुछ जोखिम कारक भी है जो इसके होने की संभावना को बढ़ा सकते है। जैसे बढ़ती उम्र के साथ-साथ इसके होने की संभावना बढ़ जाती है। अगर आपके परिवार में पहले से किसी को दिल की बीमारी है तो इसके होने की संभावना अधिक रहती है। इसके अलावा पर्याप्त व्यायाम न करना, मोटापा, तनाव, विभिन्न प्रकार की दवाओं का सेवन, नशीली दवाओं का दुरुपयोग, तंबाकू का सेवन, मधुमेह, उच्च रक्त चाप, उच्च कोलेस्ट्रॉल या ट्राइग्लिसराइड्स जैसी बीमारियों से पीड़ित रोगियों को इसके होने के संभावना अधिक रहती है।
एनजाइना का इलाज उसके प्रकार व लक्षणों के आधार पर अलग-अलग तरीको से किया जा सकता है। आमतौर पर डॉक्टर इसका इलाज शुरू करने से पहले रोगी की स्थिति का आकलन करते है। रोगी की स्थिति के अनुसार ही तय किया जाता है कि रोगी को किस प्रकार का इलाज किया जाना चाहिए। यदि रोगी को अस्थिर एनजाइना या एनजाइना दर्द तीव्र है तो तुरंत इलाज की ज़रूरत होती है। आमतौर पर इसके इलाज के लिए निम्नलिखित तौर-तरीके इस्तेमाल किए जाते है।
नाइट्रेट्स (Nitrates): नाइट्रेट्स का उपयोग एनजाइना के इलाज के लिए किया जाता है। दरअसल नाइट्रेट्स रक्त वाहिकाओं को शिथिल और चौड़ा करते है जिससे दिल में रक्त प्रवाह सही रहता है। एनजाइना के इलाज के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला नाइट्रेट का सबसे आम रूप नाइट्रोग्लिसरीन है। आमतौर पर इसकी गोली जीभ के नीचे रखी जाती है।
एस्पिरिन (Aspirin): एस्पिरिन की गोली रक्त के थक्के को कम करती है। इससे रक्त को संकुचित दिल की धमनियों के माध्यम से प्रवाहित करना आसान हो जाता है। रक्त के थक्कों को रोकने से दिल का दौरा पड़ने का खतरा कम होता है। इसका इस्तेमाल डॉक्टर की अनुशंसा के अनुसार ही करना चाहिए।
थक्का रोकने वाली दवाएं (Clot Preventing Drugs): एनजाइना के इलाज में क्लोपिडोग्रेल (प्लाविक्स), प्रसुगरेल (एफ़िएंट) और टिकागरेलर (ब्रिलिन्टा) जैसी कुछ दवाएं रक्त प्लेटलेट्स को आपस में चिपके रहने की संभावना कम कर देती है इसलिए रक्त का थक्का नहीं बनता है। यदि विभिन्न कारणों से आप एस्पिरिन नहीं ले सकते है तो इन दवाओं में से किसी की अनुशंसा डॉक्टर कर सकते है।
बीटा अवरोधक (Beta Blockers): आमतौर पर बीटा ब्लॉकर्स के कारण दिल धीमी गति से और कम बल के साथ धड़कने लगता है जिससे रक्तचाप कम हो जाता है। ये दवाएं रक्त वाहिकाओं को आराम देती है जिससे रक्त प्रवाह में सुधार होता है।
स्टेटिन (Statins): आमतौर पर स्टेटिन रक्त कोलेस्ट्रॉल को कम करने के लिए उपयोग की जाने वाली दवाएं होती है। उच्च कोलेस्ट्रॉल एनजाइना के लिए एक जोखिम कारक है। स्टेटिन एक पदार्थ को अवरुद्ध करते है जिसे शरीर को कोलेस्ट्रॉल बनाने की आवश्यकता होती है। वह रक्त वाहिकाओं में रुकावट को रोकने में सहायक होते है।
कैल्शियम चैनल अवरोधक (Calcium Channel Blockers): एनजाइना के इलाज में कैल्शियम चैनल ब्लॉकर्स जिन्हें कैल्शियम विरोधी भी कहा जाता है रक्त प्रवाह में सुधार के लिए रक्त वाहिकाओं को आराम देते है और उन्हें चौड़ा करते है। जिससे रक्त आसानी से प्रवाह होता है।
रैनोलज़ीन (Ranolazine): यह दवा स्थिर एनजाइना के लिए निर्धारित की जा सकती है जो अन्य दवाओं के साथ बेहतर नहीं होती है। इसका उपयोग अकेले या अन्य एनजाइना दवाओं के साथ किया जा सकता है जैसे कैल्शियम चैनल ब्लॉकर्स, बीटा ब्लॉकर्स या नाइट्रोग्लिसरीन आदि ।
अन्य दवाएं (Other Medications): रक्तचाप को कम करने वाली अन्य दवाओं का इस्तेमाल भी एनजाइना के इलाज में किया जाता है। इनमें एंजियोटेंसिन-परिवर्तित एंजाइम (एसीई) अवरोधक या एंजियोटेंसिन, रिसेप्टर ब्लॉकर्स आदि दवाएं शामिल है।
थरेपी (Therapies): कई बार दिल में रक्त के प्रवाह को बढ़ाने के लिए एन्हांस्ड एक्सटर्नल काउंटर पल्सेशन (ईईसीपी) नामक एक नॉनड्रग विकल्प की अनुशंसा डॉक्टर करते है। ईईसीपी को कई इलाज सत्रों की आवश्यकता होती है। ईईसीपी लगातार, अनियंत्रित एनजाइना (दुर्दम्य एनजाइना) वाले लोगों में लक्षणों को कम करने में मदद कर सकता है।
सर्जरी और प्रक्रियाएं (Surgery and Procedures): एनजाइना के इलाज के लिए कई बार कैथेटर प्रक्रिया या ओपन-हार्ट सर्जरी की आवश्यकता हो सकती है। एनजाइना के इलाज के लिए इस्तेमाल की जाने वाली सर्जरी और प्रक्रियाएं आमतौर पर इस प्रकार होती है।
स्टेंटिंग के साथ एंजियोप्लास्टी (Angioplasty with Stenting): इस प्रक्रिया के दौरान संकुचित धमनी में एक छोटा गुब्बारा डाला जाता है। फिर धमनी को चौड़ा करने के लिए गुब्बारे को फुलाया जाता है। इसके बाद धमनी को खुला रखने के लिए एक छोटा तार जाल कॉइल जिसे स्टेंट के रूप में जाना जाता है को धमनी में डाला जाता है। इस पूरी प्रक्रिया को परक्यूटीनियस कोरोनरी इंटरवेंशन भी कहा जाता है। इससे रक्त का प्रवाह बेहतर हो जाता है व एनजाइना होने का खतरा कम या खत्म हो जाता है।
ओपन हार्ट सर्जरी (Open Heart Surgery): ओपन हार्ट सर्जरी को बाईपास सर्जरी के रूप में भी जाना जाता है। इस प्रक्रिया में किसी अन्य नस या धमनी का उपयोग अवरुद्ध या संकुचित दिल की धमनी को बाईपास करने के लिए किया जाता है। बाईपास सर्जरी से दिल में रक्त का प्रवाह बढ़ जाता है। यह अस्थिर एनजाइना और स्थिर एनजाइना दोनों में किया जा सकता है। आमतौर पर यह तब किया जाता है जब किसी अन्य इलाज के तरीके से कोई फायदा नहीं होता है।
आमतौर पर एनजाइना की रोकथाम के लिए निम्नलिखित उपाय अपना सकते है।
- तंबाकू का सेवन न करें
- अगर आप मधुमेह, उच्च रक्तचाप, उच्च कोलेस्ट्रॉल से पीड़ित है तो उसे सामान्य रखें
- स्वस्थ आहार लें
- शारीरिक गतिविधियां ज़रूर करें
- मोटापा न बढ़ने दें
- तनाव न होने दें
1. एनजाइना क्या है ?
एनजाइना दिल से जुड़ी एक बीमारी है। इस बीमारी में सीने में दर्द होता है। आमतौर पर यह दर्द तब होता है जब दिल में रक्त के प्रवाह में कमी आ जाती है। इसमें होने वाला दर्द में सीने में दबाव, भारीपन, जकड़न और दर्द का अनुभव होता है।
2. एनजाइना का निदान कैसे किया जाता है?
आमतौर पर डॉक्टर एनजाइना का निदान इलैक्ट्रोकार्डियोग्राफी यानी (ईसीजी या ईकेजी), छाती का एक्स-रे, रक्त परीक्षण, इकोकार्डियोग्राम, सीटी स्कैन, एमआरआई और इमेजिंग परीक्षणों के आधार पर करते है।
3. क्या एनजाइना को रोका जा सकता है?
एक बेहतर लाइफस्टाइल, स्वस्थ आहार, नियमित व्यायाम और तंबाकू का सेवन बंद करके एनजाइना को काफी हद तक रोका जा सकता है। नाइट्रोग्लिसरीन, बीटा-ब्लॉकर्स, कैल्शियम चैनल ब्लॉकर्स और एस्पिरिन जैसी दवाएं भी इसको रोकने मे काफी सहायक होती है।
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